शांति

रूपक – एक बार भगवान ने सब कुछ बाँटा, बस एक चीज अपने पैरों के नीचे दबा ली, वह थी “शांति” ।
इसलिये “शांति”, शांतिनाथ भगवान के चरणों में ही मिलती है।

मुनि श्री प्रमाणसागर जी

Share this on...

One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि भगवान् ने एक चीज नहीं बाँटी थी,जो वास्तव में शांति थी। अतः जीवन में शांति के लिए शान्तीनाथ भगवान् के चरणों में, उनके प़़ति विशुद्वी भाव आराधना करना चाहिए ताकि शांति मिल सकती है। भगवान् किसी को कुछ नहीं देते हैं,न ही लेते हैं। अतः धर्म से जुड़कर जो उनके द्वारा उपदेश दिए गए हैं,उनका अनुकरण करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है। शांति का मतलब जीवन मे जो मिला है उसको पर्याप्त समझना चाहिए ताकि जीवन में हमेशा शांति रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

July 14, 2022

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031