शांति
मरण के समय प्राय: कहा जाता है “दिवंगत आत्मा को शांति मिले”।
इसका क्या अर्थ हुआ ? … उनके जीवन में पहले वैभव आदि सब कुछ था पर शांति नहीं थी क्योंकि हमने उनके लिए वैभव आदि नहीं मांगा।
हम क्या कर रहे हैं ?
वही वैभव इकट्ठा करने में अपने जीवन की शांति नष्ट कर रहे हैं। हमारे जाने के बाद भी यही कहा जाएगा… “दिवंगत आत्मा को शांति मिले”!
आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी(16 अक्टूबर)
One Response
आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने शांति का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए मरने के बाद शांति की बात सोचना का महत्व नहीं है। अतः जीवन में मरने के पूर्व ही शान्ति का मार्ग होना परम आवश्यक है।