शादी वाले दिन मुनि को उस घर में आहार नहीं लेना चाहिये, क्योंकि उस घर में सामूहिक भोजनादि में बहुत आरंभ हिंसा होती है ।
घर वालों पर पूजादि के लिये कोई रोक नहीं है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
Share this on...
One Response
उपरोक्त कथन पूर्ण सत्य है कि जिस परिवार में शादी वाले दिन मुनियों को उस घर में आहार नहीं लेना चाहिए, क्योंकि उस घर में सामूहिक भोजनादि में बहुत आंरभ हिंसा होती है, लेकिन यह सही है कि घर वालों पर पूजादि के लिए कोई रोक नहीं होती है। आहार और भोजन में अंतर होता है कि आहार लिया जाता है जबकि भोजन खाया जाता है। आहार में मुनियों ने लिए आहार में विशुद्वी होना परम आवश्यक है।
One Response
उपरोक्त कथन पूर्ण सत्य है कि जिस परिवार में शादी वाले दिन मुनियों को उस घर में आहार नहीं लेना चाहिए, क्योंकि उस घर में सामूहिक भोजनादि में बहुत आंरभ हिंसा होती है, लेकिन यह सही है कि घर वालों पर पूजादि के लिए कोई रोक नहीं होती है। आहार और भोजन में अंतर होता है कि आहार लिया जाता है जबकि भोजन खाया जाता है। आहार में मुनियों ने लिए आहार में विशुद्वी होना परम आवश्यक है।