शुद्ध ज्ञान/दर्शन
शुद्ध ज्ञान/दर्शन, शुद्ध पदार्थ को विषय बनाता है।
तो क्या अशुद्ध पदार्थ को विषय नहीं बनाते ?
पदार्थों को ज्यों का त्यों जानना भी शुद्ध ज्ञान है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
शुद्ध ज्ञान/दर्शन, शुद्ध पदार्थ को विषय बनाता है।
तो क्या अशुद्ध पदार्थ को विषय नहीं बनाते ?
पदार्थों को ज्यों का त्यों जानना भी शुद्ध ज्ञान है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
4 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि शुद्ध ज्ञान या दर्शन शुद्ध पदार्थ को विषय बनाता है। अतः वास्तव में पदार्थों का ज्यों का त्यों जानना भी शुद्ध ज्ञान है।
‘पदार्थों’ me ‘shuddh’ aur ‘ashuddh’ dono aa jaayega, na ?
तभी तो पदार्थों में शुद्ध व अशुद्ध दोनों घटित किये हैं।
Okay.