श्रद्धा / सिद्धि

श्रद्धा हो तो सिद्धि (कार्य की) हो जायेगी, बिना ज्ञान के भी जैसे अंजन चोर को णमोकार नहीं आता था ।
(पर संसार में ज्ञान हो तो सिद्धि, श्रद्धा हो या ना हो)

मुनि श्री सुधासागर जी

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One Response

  1. श्रद्वा भगवान्, जिनवाणी और गुरुओं पर होना आवश्यक है ताकि सिद्धि प्राप्त हो।
    सिद्वि का मतलब प़ाप्ति या उपलब्धि होना होता है।
    उपरोक्त कथन सत्य है कि श्रद्वा होगी तो कार्य की सिद्धि हो जावेगी , बिना ज्ञान के भी अंजन चोर को णमोकार मंत्र नहीं आता था। लेकिन संसार में ज्ञान हो तो सिद्धि चाहे श्रद्वा हो या ना हो।

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