श्रावक सौधर्म इंद्र (लोकांतिक देव भी ) बन सकता है, यदि सल्लेखना मरण हो तो ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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लोकान्तिक देव एक भवतारी होते हैं अर्थात् मरणोपरांत एक मनुष्य भव पाकर मुक्त हो जाते हैं। यह कथन सत्य है कि श्रावक का सल्लेखना मरण होता हैं तो सोधर्म इन्द़/लोकन्तिक देव बन सकता हैं।
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लोकान्तिक देव एक भवतारी होते हैं अर्थात् मरणोपरांत एक मनुष्य भव पाकर मुक्त हो जाते हैं। यह कथन सत्य है कि श्रावक का सल्लेखना मरण होता हैं तो सोधर्म इन्द़/लोकन्तिक देव बन सकता हैं।