श्रुतज्ञान

केवलज्ञान के लिये द्रव्य-श्रुत की आवश्यकता नहीं,
जैसे शिवभूति महाराज का श्रुतज्ञान ।
पर भाव-श्रुत पूरा होना चाहिये ।

मुनि श्री समयसागर जी

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5 Responses

    1. द्रव्य-श्रुत यानि शास्त्र-ज्ञान,
      भाव-श्रुत = द्रव्य को विश्वास-पूर्वक भावों में उतार लेना ।

    1. Main item में साफ़ लिखा है कि केवल-ज्ञान के लिए भाव-श्रुत जरूरी है,
      और महाराज को केवल-ज्ञान था।

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