संसार चलाने के लिये षट् कर्म बताये, परमार्थ के लिये 6 आवश्यक ।
दोनों का बराबर बराबर महत्व (गृहस्थों के लिये ) ।
आवश्यक से प्राय: पुण्य बंध, निर्जरा के लिये संयम ।
Share this on...
One Response
यह कथन सत्य है कि संसार चलाने के लिए षट कर्म बताये गये है जब कि परमार्थ के लिए 6 दूसरे आवश्यक है।
संसार–संसरण या आवागमन को कहते हैं जिसका अर्थ परिभ़मण या परिवर्तन है,इसमे जीव चारों गतियो में परिभ़मण करता है।
परमार्थ के लिए पुण्य बाधना और निर्जरा के संयम होना चाहिए।
One Response
यह कथन सत्य है कि संसार चलाने के लिए षट कर्म बताये गये है जब कि परमार्थ के लिए 6 दूसरे आवश्यक है।
संसार–संसरण या आवागमन को कहते हैं जिसका अर्थ परिभ़मण या परिवर्तन है,इसमे जीव चारों गतियो में परिभ़मण करता है।
परमार्थ के लिए पुण्य बाधना और निर्जरा के संयम होना चाहिए।