संसार / भगवान

जो दौड़-दौड़ कर भी नहीं मिलता, वह संसार है;
जो बिना दौड़े मिलता है, वह भगवान है ।

(सुरेश)

Share this on...

One Response

  1. संसार आवागमन को कहते हैं,जिसका अर्थ परिभ्रमण या परिवर्तन होता है, कर्म के फलस्वरूप आत्मा भवान्तर की प्राप्ति होना ही है। उपरोक्त कथन सत्य है कि जो दौड़ दौड़ कर नहीं मिलता है, वही संसार है। जो बिना दौड़े मिलता है,वह भगवान है।
    इसका तात्पर्य है कि भगवान् बनने के बाद उनको संसार में भटकना नहीं पड़ता है।
    अतः जीवन में आत्मा के हित का प्रयास करना आवश्यक है ताकि भगवान् बनकर संसार में भटकना नहीं पड़े ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

April 26, 2021

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930