संस्कार तो ‘Groove’ जैसे होते हैं, उसी में से प्रवाह होता रहता है।
यदि इससे आत्मा पतित/ दुखी हो रही हो तो उसके Side में दूसरा (सही दिशा वाला) ‘Groove’ बना लें, धारा सही दिशा में प्रवाह करने लगेगी।
(श्रीमति अनिता जैन- शिवपुरी )
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6 Responses
श्रीमती अनिता जैन ने संस्कार का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए अच्छे संस्कार का होना परम आवश्यक है।
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श्रीमती अनिता जैन ने संस्कार का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए अच्छे संस्कार का होना परम आवश्यक है।
आत्मा ‘पतित’ hone ka kya meaning hai, please ?
गलत संस्कार करते करते, ज्ञान होने पर ग्लानि से आत्मा पतित होगी न !
‘पतित’ ka shaabdik arth kya hai, please ?
पतित पाप से बना है। यदि आत्मा पाप में प्रवृत्ति कर रही है तो पतित हो रही है।
Okay.