परछाई से कभी मत डरिये,
उसकी उपस्थिति का अर्थ है…
कि
आस-पास कहीं रोशनी है !
(सुरेश)
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यह कथन बिलकुल सत्य है। जब नकारात्मक भाव होंगे तब निश्चित ही उसको सकारात्मकता नहीं दिखाई देती है। सकारात्मक भाव होंगे तब नकारात्मक असर नहीं रहेगा। सकारात्मक भाव तभी संभव होगा जब धमॅ से जुडेगा।
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यह कथन बिलकुल सत्य है। जब नकारात्मक भाव होंगे तब निश्चित ही उसको सकारात्मकता नहीं दिखाई देती है। सकारात्मक भाव होंगे तब नकारात्मक असर नहीं रहेगा। सकारात्मक भाव तभी संभव होगा जब धमॅ से जुडेगा।