सच्चा गुरु पवित्र नदी है,
हालांकि भक्त उसी नदी का जल है, पर लोटे में है, विशालता नहीं, जिसमें नाव नहीं चल सकती (यानि औरों को पार नहीं लगा सकता)
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गुरु शब्द का अर्थ महान् है। लोक में अध्यापक व माता-पिता को कहते हैं जबकि मोक्ष मार्ग के लिए आचार्य, उपाध्याय और साधु ये तीन गुरु होते हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि सच्चे गुरु की तुलना पवित्र नदी से की गई है हालांकि भक्त उस नदी का जल है पर लोटे का जल जिसमें विशालता नहीं होती है, नाव भी नहीं चल सकती है यानी औरों को पार नहीं लगा सकता है। अतः भक्त को नदी के पानी की तरह समर्पण भाव होना चाहिए ताकि गुरु जीवन को पार लगा सकता है।
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गुरु शब्द का अर्थ महान् है। लोक में अध्यापक व माता-पिता को कहते हैं जबकि मोक्ष मार्ग के लिए आचार्य, उपाध्याय और साधु ये तीन गुरु होते हैं।
अतः उक्त कथन सत्य है कि सच्चे गुरु की तुलना पवित्र नदी से की गई है हालांकि भक्त उस नदी का जल है पर लोटे का जल जिसमें विशालता नहीं होती है, नाव भी नहीं चल सकती है यानी औरों को पार नहीं लगा सकता है। अतः भक्त को नदी के पानी की तरह समर्पण भाव होना चाहिए ताकि गुरु जीवन को पार लगा सकता है।