सत्य सूली पर चढ़कर (मृत्यु के बाद) भी जीवित रहता है,
असत्य सिंहासन पर बैठकर भी अमर नहीं होता ।
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यह कथन सत्य है कि सत्य बोलने पर सूली पर चढ़कर यानी मृत्यु के बाद भी जीवत रहता है लेकिन असत्य बोलने वाला सिंहासन पर बैठकर भी अमर नहीं होता हैं। अतः जीवन में हमेशा सत्य बोलना चाहिए ताकि अमर हो सकता हैं।
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यह कथन सत्य है कि सत्य बोलने पर सूली पर चढ़कर यानी मृत्यु के बाद भी जीवत रहता है लेकिन असत्य बोलने वाला सिंहासन पर बैठकर भी अमर नहीं होता हैं। अतः जीवन में हमेशा सत्य बोलना चाहिए ताकि अमर हो सकता हैं।