सत्य असत्य दोनों नहाने गये। असत्य ने सत्य के कपड़े पहन लिये। वही कपड़े पहने आज भी घूम रहा है।
सत्य जब तक जूते पहन पाता है, असत्य मंजिल पर पहुँच जाता है।
ब्र. डॉ. नीलेश भैया
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सत्य, असत्य को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए सत्य पर चलने का प़यास करते रहना परम आवश्यक है।
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सत्य, असत्य को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए सत्य पर चलने का प़यास करते रहना परम आवश्यक है।