सत्य का तात्पर्य राग, द्वेष या मोह से प्रेरित सब प़कार के झूठ वचनों का त्याग करना अथवा आगम के अनुसार बोलना ही सत्य है। उपरोक्त कथन सत्य है कि लोग सत्य तक नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए नहीं कि कठिन और अंसम्भव है, बल्कि इतना सरल है कि वह सरल नहीं रहते हैं। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए सत्य मार्ग अपनाना चाहिए।
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सत्य का तात्पर्य राग, द्वेष या मोह से प्रेरित सब प़कार के झूठ वचनों का त्याग करना अथवा आगम के अनुसार बोलना ही सत्य है। उपरोक्त कथन सत्य है कि लोग सत्य तक नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए नहीं कि कठिन और अंसम्भव है, बल्कि इतना सरल है कि वह सरल नहीं रहते हैं। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए सत्य मार्ग अपनाना चाहिए।