सत्य शब्द तो सत् से बना है तो वह कड़वा कैसे हो सकता है !
(कमलकांत)
Share this on...
One Response
सत्य का तात्पर्य राग, द्वेष या मोह से प्रेरित न हो, झूठ वचन का त्याग करना और आगम के अनुसार बोलना सत्य है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि सत्य शब्द तो सत से बना है,वह कड़वा कैसे हो सकता है। जीवन में सत्य का आचरण करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
One Response
सत्य का तात्पर्य राग, द्वेष या मोह से प्रेरित न हो, झूठ वचन का त्याग करना और आगम के अनुसार बोलना सत्य है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि सत्य शब्द तो सत से बना है,वह कड़वा कैसे हो सकता है। जीवन में सत्य का आचरण करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।