सत्संग
एक समृद्ध व्यक्ति सत्संग में नहीं जाते थे। पत्नी के आग्रह पर एक दिन चले गये, सबने कहा “आइये”, “बैठिये” पर कथा शुरू होते ही सो गये, अंत तक सोते ही रहे। सब चले गये, आखिरी दरी वाले व्यक्ति ने उठाया, कहा “जाइये”।
पत्नी के पूछने पर बताया → 3 शब्दों की कथा थी….. आइये, बैठिये, जाइये।
पत्नी → चलो इन 3 शब्दों को भगवान की कथा मान कर याद रखना।
रात को इन शब्दों को दोहरा रहे थे। चोर घुसा। “आइये, बैठिये, जाइये” सुनकर उसे लगा मुझे पहचान लिया है। पैर पड़ गया।
पत्नी → सच्चे सत्संग से झूठे 3 शब्द ले आये तो चोर शरणागत हो गया। यदि सच्चे शब्द ले आओगे तो चारों चोर (क्रोध, मान, माया, लोभ) शरणागत हो जायेंगे।
(आतिफ – कनाडा)
One Response
सत्संग का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए ऐसे सत्संग से जुडना चाहिए ताकि क़ोध, मान, माया एवं लोभ से मुक्त हो सकें।