सम्यग्दर्शन का निमित्त

1. स्थावर जीवों की संख्या → लोक प्रमाणादि में गुणा करके महाराशि बना कर उसमें से एक कम करते हैं।
2. सबसे ज्यादा वायुकायिक जीव, उनसे कम जलकायिक, से कम पृथ्वीकायिक, से कम अग्निकायिक।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकांड–गाथा – 204)

3. इतनी बड़ी राशि के सामने एक कम करने का क्या महत्व ?
एहसास होता है कि केवल-ज्ञान कितना Accurate है, यही सम्यग्दर्शन का निमित्त भी बन सकता है।

कमलाबाई जी

Share this on...

6 Responses

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि सम्यग्दर्शन के निमित्त के भाव के लिए देव शास्त्र गुरु पर विशुद्व भाव श्रद्वान होना एवं अपने पूर्व कर्मो का निमित्त होना परम आवश्यक है!

    1. क्या एक इंद्रिय जीवों को स.दर्शन हो सकता है।

  2. Nahi ho sakta. Mera doubt tha ki ‘स्थावर जीवों की संख्या’ me, ‘Vanaspati-kaayik’ jeev kahan stand karte hain ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

April 10, 2023

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031