सम्यग्दर्शन

श्री धवला में महावीर भगवान की जन्म/निर्वाण तिथियों से 72 साल पूरे नहीं होते, 6 माह का फर्क आता है, दूसरी जगह 71 वर्ष कुछ माह बताया है, तीसरी जगह कुछ और !
निर्णय क्या करें ?
निर्णय तो केवली भगवान कर सकते हैं,
जब तक वे उपलब्ध नहीं है तब तक गुरु-आज्ञा मानें ।

आर्यिका श्री विज्ञानमति माताजी

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  1. सम्यग्दर्शन- -सच्चे देव शास्त्र और गुरु के प्रति श्रद्वान का नाम है, अथवा जिनेन्द्र भगवान के द्वारा कहे गए सात तत्त्वों के यथार्थ श्रद्वान को सम्यग्दर्शन कहते हैं।आत्म रुचि होना अथवा स्वयं भेद विज्ञान होना सम्यग्दर्शन है। अतः उक्त कथन सत्य है कि महावीर भगवान के जन्म और निर्वाण की तिथियों में अंतर आता है लेकिन निर्णय तो केवली भगवान् ही कर सकते हैं लेकिन जब तक वे उपलब्ध नहीं हैं तब तक गुरु की आज्ञा मानना ही सर्वश्रेष्ठ है।

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