साधना
गृहस्थ जीवन जीते हुए साधना कैसे करें ?
तुलाराम व्यापारी सामान तौलते समय दृष्टि तराजू पर रखता था। जब तराजू समानांतर हो जाती थी तब तक दृष्टि में न प्रिय होता था, न दुश्मन।
समता भाव से ही तराजू समानांतर होगी।
मुनि श्री मंगलानंद सागर जी
गृहस्थ जीवन जीते हुए साधना कैसे करें ?
तुलाराम व्यापारी सामान तौलते समय दृष्टि तराजू पर रखता था। जब तराजू समानांतर हो जाती थी तब तक दृष्टि में न प्रिय होता था, न दुश्मन।
समता भाव से ही तराजू समानांतर होगी।
मुनि श्री मंगलानंद सागर जी