सामंजस्य

दो लाइनों के बीच का भाव बहुत महत्वपूर्ण होता है।
इनके बीच में ऐसे adjust हो जाओ कि लाइनों को खिसकना न पडे।
महत्वपूर्ण स्थान पालोगे।

प्रश्न – लाइनों की लिखावट अच्छी न हो / लम्बी लम्बी मात्रायें चुभ रही हों, तब कैसे adjust करें ?
उत्तर – ये लिखावट / लाइनों के बीच का कम gap ,किसकी कृति है ?
तुम्हारी न !
झेलेगा कौन ??

चिंतन

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5 Responses

    1. शब्दों के बीच के भाव महत्वपूर्ण होते हैं।
      बीच का स्थान पालिया तो महत्वपूर्ण होगये।
      पर ऊपर नीचे से चुभने वाली वाणी/action से दुखी हो जाते हैं/घुटन महसूस करते हैं।
      पर इसके लिए जुम्मेदार कौन ?

      तनेजा जी का आशय (शायद) –
      जैसे cement बजरी/पानी से setting करके set होजाती है।

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