सामायिक –
महाव्रती खड़गासन में,
देशव्रती पद्मासन में,
अविरती लेट कर भी,
मिथ्यादृष्टि लेटकर करवटें बदलता रहता है, सामायिक करता ही नहीं।
चिंतन
Share this on...
One Response
चिंतन में सामायिक करने के लिए उपाय बताऐ गऐ हैं, उनका पालन करना परम आवश्यक है। अतः मिथ्यादृष्टि नहीं होना चाहिए बल्कि सम्यग्दृष्टि होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
One Response
चिंतन में सामायिक करने के लिए उपाय बताऐ गऐ हैं, उनका पालन करना परम आवश्यक है। अतः मिथ्यादृष्टि नहीं होना चाहिए बल्कि सम्यग्दृष्टि होना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।