सूतक

सूतक में प्रवचन (जिन की वाणी) सुन सकते हैं, पर जिनवाणी छू नहीं सकते हैं क्योंकि जिनवाणी आयतन है ।

मुनि श्री सुधासागर जी

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One Response

  1. सूतक—लोक व्यवहार में जन्म-मरण के निमित्त से हुई अशुद्धि के शोधन को कहते हैं।सूतक काल में देव पूजा, आहार दान आदि कार्य नहीं किया जाता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि सूतक में प्रवचन यानी जिन की वाणी सुन सकते हैं लेकिन जिनवाणी छू नहीं सकते हैं क्योंकि जिनवाणी आयतन है।

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