चिंतन में सोच के भेद बताये गये हैं वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में साधु बनने की सोच रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है। Reply
7 Responses
चिंतन में सोच के भेद बताये गये हैं वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में साधु बनने की सोच रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
‘सामान्य’ aur ‘मध्यम’ me kaise differentiate kiya?Ise clarify karenge, please ?
बुरे को बुरा तो हर कोई कह लेता है पर अच्छे को अच्छा कहना अच्छों का ही काम है।
Okay.
Is post me ‘अच्छों’ ka matlab ‘मध्यम’ se hai na Ise clarify karenge, please ?
यहाँ पर दो अलग अलग कैटिगरी हैं… एक अच्छे लोग दूसरा मध्यम सोच वाले जो अच्छे को अच्छा कहते हैं।
It is now clear to me.