सोहम् भविष्य की अपेक्षा।
“हम” वर्तमान की अपेक्षा, पर सावधान “अहम्” आ सकता है।
मुनि श्री सुधासागर जी
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6 Responses
सोहम् का तात्पर्य आत्मा से है! अतः मुनि महाराज श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि सोहम् भविष्य की अपेक्षा करना चाहिए, क्योंकि आत्मा की पहिचान करने पर ही जीवन का कल्याण हो सकता है! आत्मा की पहिचान के लिए धर्म से जुडना परम आवश्यक है!
वर्तमान में अपवित्र होने से “सोहम्” न कह कर “हम” कहा।
एक-वचन में प्रायः “मैं” प्रयोग होता है लेकिन कुछ लोग “हम” का भी प्रयोग करते हैं, जिसमें अपने प्रति आदर भाव झलकता है। इसलिये सावधान किया कि अहम् न आजाये !
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सोहम् का तात्पर्य आत्मा से है! अतः मुनि महाराज श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि सोहम् भविष्य की अपेक्षा करना चाहिए, क्योंकि आत्मा की पहिचान करने पर ही जीवन का कल्याण हो सकता है! आत्मा की पहिचान के लिए धर्म से जुडना परम आवश्यक है!
‘सोहम्’ ka meaning clarify karenge, please ?
सो = जो तुम(सिद्ध)
हम् = वैसे हम
“हम” वर्तमान की अपेक्षा, ka meaning clarify karenge, please ?
वर्तमान में अपवित्र होने से “सोहम्” न कह कर “हम” कहा।
एक-वचन में प्रायः “मैं” प्रयोग होता है लेकिन कुछ लोग “हम” का भी प्रयोग करते हैं, जिसमें अपने प्रति आदर भाव झलकता है। इसलिये सावधान किया कि अहम् न आजाये !
Okay.Beautiful post and explanation !!