फूल की सुरक्षा के लिये कांटे दिये।
यदि स्त्री को मायाचारी स्वभाव न मिला होता तो वह जी नहीं पाती।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि फूलों की सुरक्षा के लिए काटे दिये गए हैं, जबकि स्त्री को मायाचारी स्वभाव न मिला होता तो वह जी नहीं सकती है! स्त्री के लिए अपनी सुरक्षा के लिए मायाचारी स्वभाव आवश्यक है! उक्त मायाचारी पाप की श्रेणी में नहीं आता है!
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि फूलों की सुरक्षा के लिए काटे दिये गए हैं, जबकि स्त्री को मायाचारी स्वभाव न मिला होता तो वह जी नहीं सकती है! स्त्री के लिए अपनी सुरक्षा के लिए मायाचारी स्वभाव आवश्यक है! उक्त मायाचारी पाप की श्रेणी में नहीं आता है!