स्वभाव
दो प्रकार का…
1. आत्मा का स्वभाव… फलों को खाकर दयापूर्वक गुठली बो देना।
2. वस्तु का स्वभाव…..फलों के पेड़ फल पैदा करते हैं अपनी संतति बढ़ाने।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
दो प्रकार का…
1. आत्मा का स्वभाव… फलों को खाकर दयापूर्वक गुठली बो देना।
2. वस्तु का स्वभाव…..फलों के पेड़ फल पैदा करते हैं अपनी संतति बढ़ाने।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने स्वभाव को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए आत्मा का स्वभाव की जानकारी रखना परम आवश्यक है।