हे स्वार्थ ! तेरा शुक्रिया।
एक तू ही है,
जिसने लोगों को आपस में जोड़ रखा है।
(सुरेश)
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श्री सुरेश जी ने स्वार्थ की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में अपने स्वार्थ के लिए कभी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए बल्कि यह उसके प़ति सेवा के भाव रखना परम।
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श्री सुरेश जी ने स्वार्थ की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में अपने स्वार्थ के लिए कभी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए बल्कि यह उसके प़ति सेवा के भाव रखना परम।