आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने स्व -पर को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः स्व ही अपना है, यानी आत्मा ही है, इसके अलावा कुछ नहीं अपना। Reply
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने स्व -पर को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः स्व ही अपना है, यानी आत्मा ही है, इसके अलावा कुछ नहीं अपना।