105 / 108

आर्यिका/मुनि के आगे “105/108” लगाने का विवरण आगम में नहीं है ।
यह आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के समय से शुरू हुआ है ।

मुनि श्री सुधासागर जी

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One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि आर्य़का के लिए 105 लिखते हैं जबकि मुनियों के लिए 108 लिखा जाता हैं।

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