Month: December 2009

पापोदय

वो शमां क्या बुझे, जिसकी हिफ़ाजत हवायें फ़ानुस बनकर खुद करें। अशुभ हालातों को Favorable  बना लेना।

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मंदिर

जिनको आज मंदिर दूर लगता है, मानो उनके लिये नरक पास आ रहा है ।

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सामर्थ त्याग

झांसी में एक 85 वर्ष के बुज़ुर्ग ने इच्छा ज़ाहिर की, कि कंदमूल का त्याग करना है । गुरू श्री – गाजर खाते हो ?

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दया

पर पर दया करना, प्राय: अध्यात्म से दूर जाना लगता है । स्वंय के साथ पर का और पर के साथ स्वंय का ज्ञान होता

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आत्मचिंतन

आज उस Area से निकल रहा था, जहां Non-Veg लटके रहते हैं । सोचा गंदगी दिखे तो अंदर देखने लगो । बात गंदगी से शुरू

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पुरूषार्थ

भगवान का पराक्रम/पुरूषार्थ दूसरों की सहायता से रहित होता है। जैसे तलवारबाजी में माहिर, हवा में गज़ब के पैंतरे दिखा रहा हो, ना तो किसी

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धर्म प्रभावना

एक आदमी नरक से छुपता छिपाता खिसक कर स्वर्ग में पहुंच गया। स्वर्ग वालों ने पकड़ लिया और बहुत मारा। निकलते समय बोला कि तुम्हारी

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Need & Greed

Need और Greed की Boundary Clearly Mark होनी चाहिये । गांधी जी से पूछा कि आप इतना कम क्यों पहनते हैं, इतना कम क्यों खाते

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मंगल आशीष

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