Month: December 2009

कर्तव्यनिष्ठ

वर्तमान में ही यदि लिप्त रहे तो, भविष्य अंधकारमय हो जायेगा, यदि कर्तव्यनिष्ठ रहे तो, भविष्य उज्जवल हो जायेगा । चिंतन

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वैभव

वैभव प्राय: भव्य जीवों के ज्यादा होता है । श्री लालमणी भाई

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मुनि

ग्वालियर में गुरू श्री से किसी ने पूछा कि जब सब मुनि बन जायेंगे तो चौका कौन लगायेगा ? गुरू श्री ने कहा कि औरों का

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सेवा

कुंठित जीवों को सुकून दोगे तो कर्मों की निर्जरा होगी ।

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परिणाम/परिमाण

जीवन में दो चीजें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं । 1. परिणाम 2. परिमाण मुनि श्री क्षमासागर जी ( कर्म कैसे करें ? )

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संसार

संसार एक बिज़ूका ( खेत में खड़ा पुतला ) है, उसके साथ हमने अपने Relation स्थापित कर लिये हैं ।

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अपशगुन

यदि आप कहीं जा रहे हैं और बिल्ली रास्ता काट जाये तो इसका क्या मतलब है ? बिल्ली भी कहीं जा रही थी ! (श्री

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प्रतीक्षा

कुछ दिन धर्म का अभ्यास करके घास फूंस (विकार/कषाय) हटाकर, क्षमा का पानी ड़ाल कर, जो खेत जोता (तप/संयम) है, उसे उसी Stage पर छोड़

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कर्म

ड़ाकूओं ( पापोदय ) के आ जाने पर स्वीकार कर लें, वरना पैसे तो छीनेगें ही, मार ( आगे के कर्म बंध ) भी बहुत

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मंगल आशीष

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December 11, 2009

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