Day: January 2, 2010
पंचमकाल से स्वर्ग
January 2, 2010
पंचमकाल के श्रावक और तिर्यन्च सोलहवें स्वर्ग तक जा सकते हैं । श्री रतनलाल बैनाडा जी
साधु
January 2, 2010
कम खाना, कम सोचना, कम दुनिया से प्रीति। कम कहना मुख से वचन, यही साधू की रीति।। मुनि श्री योगसागर जी
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