Day: January 26, 2010
प्रतिस्पर्धा
January 26, 2010
प्रश्न : – मारीच आदिनाथ भगवान से नाराज़ था तो उनके समवसरण में क्यों जाता था ? उत्तर :- यह देखने जाता था कि समवसरण
कर्म प्रकृति में करण
January 26, 2010
नरकायु का चौथे गुणस्थान तक, तिर्यन्चायु का पांचवे गुणस्थान तक अपकर्षण, उदीरणा, सत्त्व, उदय करण होते रहते हैं । कर्मकांड़ गाथा : – 448
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