Day: February 6, 2010

शरण

महावीर भगवान ने कहा मेरी शरण में नहीं, अपनी शरण में जा और मेरे जैसा बन जा ।

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विश्रसोपचय

आत्मा के प्रत्येक प्रदेश पर अनंतानंत कार्मण वर्गणायें स्थित रहती हैं । पं. रतनलाल बैनाडा जी

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मंगल आशीष

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February 6, 2010