Day: February 26, 2010
पुरूषार्थ
February 26, 2010
साधु को जंगल में एक बूढ़ी लोमड़ी दिखाई दी, जिसके चारौ पैर नहीं थे, साधु परेशान – ये ज़िंदा कैसे है? खाती कैसे है? इतने
मनुष्यायु बंध
February 26, 2010
मंद कषायी यानि मृदु भाषी, असंयम, मध्यम गुणों, मरण समय पर संक्लेश रहित परिणामों से । कर्मकांड़ गाथा : – 806
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