Month: February 2010
अनुभाग बंध
तीव्र कषाय से – घातिया और अघातिया की पाप प्रकृतियों का अनुभाग ज्यादा होता है । पं. रतनलाल बैनाडा जी
Criticism
गड़बड़ लोगों को Sand paper समझो, आप Smooth हो जाओगे, Sand Paper अपना वज़ूद खो देगा।
स्थिति बंध
तीव्र कषाय से देव, मनुष्य और तिर्यंच आयु की स्थिति कम बंधती है । बाकी 145 कर्म प्रकृतियों की स्थिति (तीर्थंकर प्रकृति तथा साता भी)
पूजा
पूरे दिन पूजा का टेप लगाने की अपेक्षा, भाव से एक पूजा करना बेहतर है, गिनती Important नहीं है । टेप से वायुमंड़ल पर मंत्रों
उदय
उदय आने पर पहले ज्यादा कर्मवर्गणायें उदय में आतीं हैं फ़िर धीरे धीरे कम होती जातीं हैं । जैसे प्रवचन हाल से छूटते समय शुरू
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