Day: March 11, 2010
भगवान
March 11, 2010
भगवान हमारे जीवन में तो है पर अनुमान में है, अनुभव में नहीं । इसलिये पूजापाठ सब बोझ हैं । यात्रा अनुभूति की है ।
केवली
March 11, 2010
समवसरण में जो केवली आते हैं वे तीर्थंकरों को नमोस्तु नहीं किया करते हैं, क्योंकि उनके मोहनीय कर्म समाप्त हो चुका होता है । जिज्ञासा
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