Month: March 2010

ईमानदारी

ईमानदारी की नाव में बेईमानी के छेद करके, नदी पार करना चाहते हैं । गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी

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उपशम श्रेणी

उपशम श्रेणी में उत्कृष्ट 4 बार ही जीव जायेगा, फिर क्षपक श्रेणी होता हुआ मोक्ष चला जायेगा ।

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समय

कार को इतना तेज मत दौडा़ओ कि Petrol भरवाने का भी समय ना रहे । (श्री गौरव)

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नरक में लेश्या

नरक में आयुपर्यन्त अपनी अपनी लेश्या रहती है । स्वस्थान संक्रमण में हानि वृद्धि अन्तर्मुहूर्त बाद अपनी अपनी लेश्या में होता रहता है । कर्मकांड़

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श्रीफल

श्रीफल – नमकीन पानी को मीठा करके लौटाता है, इसलिये भगवान / गुरु पर चढ़ता है। मुनि श्री क्षमासागर जी

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भावलिंगी

छठे गुणस्थान और ऊपर वाले भावलिंगी मुनि ही होते हैं । अनुत्तर और अनुदिश स्वर्गों में भावलिंगी मुनि ही जाते हैं । जिज्ञासा समाधान पेज

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मंगल आशीष

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March 3, 2010