Day: April 15, 2010

कर्मों का स्वभाव

जब मेघनाथ गर्भ में थे, तब रावण ने ज्योतिषी से पूछा – यह बच्चा मृत्यु पर विजयी कैसे होगा  ? ज्योतिषी ने कहा – जब

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विक्रिया

  विविध करने का नाम विक्रिया है । कल्पातीत देवों में एकत्व विक्रिया ही होती है । तत्वार्थ सुत्र टीका – पं. श्री कैलाशचंद्र जी

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मंगल आशीष

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April 15, 2010