Day: April 16, 2010

कषाय

अनंतानुबंधी    ( अति तीव्र कषाय )     :- अपनी सीट और साथ वाली भी घेर लेना। अप्रत्याख्यान         ( तीव्र कषाय )     :- अपनी सीट पर ही बैठना। प्रत्याख्यान       

Read More »

अनंत/संख्यात- भेद

अनंत के अनंत भेद होते हैं । संख्यात के संख्यात भेद होते हैं । तत्वार्थ सुत्र टीका – पं. श्री कैलाशचंद्र जी

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

April 16, 2010