Day: April 21, 2010

रिश्ते/रास्ते

रिश्ते और रास्ते एक सिक्के के दो पहलू हैं, कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते बदल जाते हैं, कभी रास्ते पर चलते चलते रिश्ते बन जाते

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मोह

भगवान को और समवसरण को बड़े बड़े ज्ञानी/क्षायिक सम्यग्दर्शी क्यों छोड़ कर चले जाते हैं ? मोह की वजह से, मोह के संसार में बड़ा

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मंगल आशीष

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April 21, 2010