Month: April 2010
Bad Time
If you are going through hell, keep going. Mr.Winston Churchill (यदि रुक गए/ अटक गये तो नरक की यातना लगातार झेलनी पड़ेगी)
सम्यकचारित्र
सम्यग्दर्शन, ज्ञान और चारित्र युगपत भी होते हैं तथा सम्यक्चरित्र बाद में भी होता है । बाई जी
प्रायोग्य लब्धि
प्रायोग्य लब्धि वाला आयु को छोड़ बाकी सात कर्मों की स्थिती को घटाकर अंतः कोड़ा कोड़ी सागर कर लेता है । कर्मकांड़ गाथा : –
संसारी सुख
सिंगापुर में एक मित्र हमेशा एक नं. छोटा जूता पहनते थे । पूछने पर ज़बाब दिया – जब Office से घर आकर जूता उतारता हूँ,
सम्यग्दर्शन
8 अंगों में से कोई भी अंग जरा सा भी कम रहा तो, कार्य की सिद्धी नहीं होगी पर लाभ तो होगा, सम्यग्द्रष्टि जैसे लगोगे
गुरू
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूँ पांव ? बलिहारी गुरू आपकी, गोविन्द दियो बताय । आचार्य श्री – सच्चे गुरू गोविंद बताते नहीं है, आपको
आत्मा का वैभव
रूप के मान में आत्मा के वैभव का सम्मान नहीं किया क्योंकि यह वैभव दिखता नहीं है ।
मृत्युभय
ये Factory कितनी अद्भुत है कि एक तरफ़ से बुढ़्ढ़े, बुढ़ियों को ड़ाला जाता है और दूसरी तरफ़ से गुड़्ड़े, गुड़ियां निकल कर सामने आते
आत्म वैभव
समयसार में कहा है – तत्व तत्व येव, चित् चित् मेव । यानि तत्व तत्व है, आत्मा – आत्मा है । आत्म वैभव – आत्म
निर्जरा/तप
कर्म बांधना चाहते हो या काटना ? पर Action तो सारे बांधने के हैं ! सर्दी लगी – ऊनी कपड़े पहन लिये, गर्मी लगी –
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