Day: May 9, 2010

शुभ – अशुभ योग

शुभ योग ज्ञानावरण आदि पापकर्मों के बंध में भी कारण है । ‘शुभ पुण्यस्य’ अघातिया कर्मों की अपेक्षा कहा गया है यानि शुभ योग से,

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मंज़िल

मैं जब से चला हूँ, मेरी मंज़िल पर नज़र है; आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा ।

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मंगल आशीष

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May 9, 2010