Day: June 17, 2010
भाव
June 17, 2010
“मिथ्यात्व” औदयिक भाव में लिया गया है, जबकि “सम्यग्मिथ्यात्व” तथा “सम्यग्प्रकृति” क्षयोपशमिक भाव में आते हैं, क्योंकि दोनौं में ही “समयक्त्व” है, जो क्षयोपशम से
आत्मदर्शन
June 17, 2010
दर्पण में साफ देखना चाहते हो तो :- उसे साफ रखना होगा यानि व्यसन रहित । स्थिर रहे यानि कषाय रहित । अनावरित रहे यानि
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