Month: June 2010
पुदगल द्रव्य का कर्म रूप परिवर्तन
लोक के Total पुदगल द्रव्य का अनंतवां भाग ही कर्म रूप परिवर्तित होने योग्य है । आदि द्रव्य – जिसे जीव ने अतीत काल
Destiny
Destiny is sometimes jewel and sometimes cruel. When it is Jewel, wear it with your Humility, When it is Cruel, bear it with all Ability.
इन्द्रिय विजय
5 इन्द्रियाँ आपकी सेवक हैं, यदि आपने उन्हें सिर पर रक्खा है तो आगे चलकर वे आपकी मालिक बन जायेंगी । यदि उन्हें सेवक की ही
अनाहारक
चौदहवां गुणस्थान अनाहारक होता है। जैसे Retirement से पहले मकान की Maintenance पर खर्चा बंद कर देते हैं । इसी तरह विग्रह गति में जीव
तत्व
प्रयोजनभूति वस्तु के स्वभाव को तत्व कहते हैं । जैनेन्द्र सिद्धांत कोष 2/352
संसार
एक मालिक रोज चुटकुला सुनाता था, और सब Employees जोर जोर से हंसते थे, एक दिन एक Employee नहीं हंसा, कारण बताया – मैं नौकरी
उपयोग
शुभोपयोग – प्रभातकालीन लालिमा – सूर्योदय ( मोक्ष) अशुभोपयोग – संध्याकालीन लालिमा – सूर्यास्त (गर्त) पं. रतनलाल जी इन्दौर
संकल्प/विकल्प
संकल्प करें, विकल्प ना रखें । आचार्य श्री विद्यासागर जी ( संकल्प में भी विकल्प ना करें )
कर्मोदय
कर्मोदय में कर्मों को कारण ना मानकर हम नोकर्म को कारण मान लेते हैं। आचार्य श्री विद्यासागर जी
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