Month: July 2010
शुद्धोपयोग
मुनि पर्याय के सहकारी कारणभूत आहार, निहार को तथा शुभ-क्रियाओं को भी शुद्धोपयोग कहा है । प्रवचनसार टीका – श्री अमृतचंद्र सूरी
God
Without GOD our days would be : Sinday, Mournday, Tearsday, Wasteday, Thirstday, Fightday & Shatterday. Remember 7 days without God makes 1 “WEAK”. Happy Weekend
षट्गुणी हानि/वृद्धि
षट्गुणी हानि वृद्धि होने पर भी वस्तु कम क्यों नहीं होती ? षट्गुणी हानि और षट्गुणी वृद्धि एक समय में एक साथ होती है, इसलिये
लेश्या
द्रव्य की अपेक्षा सयोग केवली के छहों लेश्यायें कैसे ? द्रव्य लेश्या शरीर का रंग है और केवली के शरीर के सारे रंग होते हैं
अज्ञानी/ज्ञानी/ध्यानी
अज्ञानी अधिक में कम बोलता है ( सार की बात कम ), ज्ञानी कम में ज्यादा बोलता है, ध्यानी मौन रहता है ।
तैजस और कार्मण शरीर
तैजस और कार्मण शरीरों का सम्बंध आत्मा के साथ अनादिकाल से भी और सादि भी । क्योंकि पुरानी कर्म-वर्गणायें आत्मा से अलग होती जाती हैं
Goal
The first 2 letters of ‘GOAL’ is ………GO (Mr. Sarthak Garg) चलने से ही Goal प्राप्त होता है
मस्करी
भगवान महावीर के समय में दिगम्बर मुनि हुये । पर मिथ्यात्व और मान कषाय कि वज़ह से उन्होंने बहुत से मिथ्यामत चलाये ।
चातुर्मास स्थापना
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की चातुर्मास स्थापना अतिशय क्षेत्र श्री बीना-बारहा जी जिला सागर (म.प्र.) में, तथा मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज की चातुर्मास
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