Day: August 7, 2010

कर्म फल

आपको शराब और शर्बत Offer किए जाये तो Selection आपके हाथ में है । यदि शराब पी तो नशा आएगा ही, थू थू होगी ही

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गुणश्रेणी निर्जरा

  जो सम्यग्दर्शन के अभिमुख खड़ा है ,  उनके गुणश्रेणी निर्जरा होती है । अन्य निरतिशय मिथ्यादृष्टि कहलाते हैं । पं. रतनचंद्रजैन – व्य.कृ.पेज 107

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मंगल आशीष

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August 7, 2010