Month: August 2010
मोह
Inverter जैसे DC ( Direct Current ) Supply को AC (Alternative Current ) Supply में Convert कर देता है । ऐसे ही मोह में नकली
लब्धि
पांचों लब्धियां तो सिर्फ संज्ञी जीवों के होती हैं । क्षयोपशम लब्धि सब जीवों के अनिवार्य है, विशुद्धि लब्धि सब जीवों के (नित्य निगोदियाओं के
LIFE
Once a wise man asked to god : What is the meaning of life ? God :- Life itself has no meaning in it, life
अनुमोदना
हमारे अच्छे बुरे कर्मों का असर हमारे बच्चों और बच्चों के कर्मों का असर हम पर क्यों होता है ? हमारे अच्छे बुरे में बच्चों
सुकुमाल स्वामी
सुकुमाल स्वामी उपशम श्रेणी आरूढ़ हुये थे, मरण के बाद, सर्वार्थसिद्धी के देव हुये । क्षु. श्री गणेश वर्णी जी
आत्मा
पाषाण में भांति भांति की प्रतिमाऐं बनने की क्षमता है, जिस तरह की प्रतिमा का विकास कर लोगे वैसी ही मूर्ति बन जायेगी । आत्मा
निदान/लोकेषणा
निदान – अगले जन्म के लिये किया जाता है । लोकेषणा – इसी जन्म के लिये । क्षु. श्री जिनेन्द्र वर्णी जी (शांतिपथ प्रदर्शक)
Bhagawan Mahaveer
CBSE course was having wrong information in class 6th book that Bhagavan Mahaveer is the founder of Jainism. This information has been corrected in the
भुज्यमान आयु
भोगी जाने वाली आयु । यह दो प्रकार की होती है । 1. निरूपक्रम/अनपवर्तनीय- प्रति समय समान निषेक निर्जरित होते हैं, इसे उदय कहते हैं,
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