Month: December 2012
कल्याण मार्ग
कल्याण का मार्ग एकता में है, अनेकता ही ने तो संसार बनाया है । क्षु. श्री गणेशप्रसाद वर्णी जी
Time
When time is never ready to wait for us, then why do we always wait for the right TIME ? there is no wrong time
अपना
एक दिन किसी ने मुझसे पूछा – कोई अपना तुम्हें छोड़कर चला जाये तो तुम क्या करोगे ? मैंने हंसकर उसका ज़बाब दिया – अपना कभी
ठोकर
संसार में सारी चीज़ ठोकर लगने से टूट सकती हैं, मगर सिर्फ़ इंसान ही ऐसा है जो ठोकर लगने के बाद बनता है । (श्री
चारित्र
बुंदेलखंड़ के राजा छ्त्रसाल का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक था । एक महिला ने छत्रसाल जैसे व्यक्तित्व वाले बच्चे की प्राप्ति के लिये उनसे संबध बनाने
मायाचारी
मायाचारी साँप जैसा होता है – ऊपर से सुंदर, चिकना, रसदार पर अंदर से जहरीला । चिंतन
मिथ्यात्व
मिथ्यात्व के बंध व उदय की व्युच्छित्ति तो पहले गुणस्थान में ही हो जाती है । पर सत्ता में सातवें गुणस्थान तक क्षपक श्रेणी की
Life
Life itself can not give you anything unless you really work for it… Life just gives you time and space, it is up to you
ज़िंदगी
क्या भरोसा है ज़िंदगी का, इंसान बुलबुला है पानी का । जी रहे हैं हम कपड़े बदल बदल कर, एक दिन एक ही कपड़े में
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